महामारी के भीषण दौर में औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर में करीब साढ़े तीन साल से बंद पड़े मित्तल स्टील के आक्सीजन प्लांट को शुरू करने से काफी राहत हुई है। इस प्लांट से देवास, खरगोन, बड़वानी और धार जिलों के अस्पतालों काे ताे राहत मिली ही है, दौर को भी फायदा होगा। इस प्लांट से इंदौर को भी हर दिन करीब 1 हजार सिलिंडर मिलेंगे। इसकी आपूर्ति शुरू भी हो चुकी है। प्लांट की देखरेख और प्रबंधन धार जिला प्रशासन और एकेवीएन मिलकर देख रहे हैं।। प्लांट की क्षमता हर दिन 3600 से लेकर 4 हजार सिलिंडर तैयार करने की है, लेकिन अभी पूरी क्षमता के साथ इसे शुरू होने में थोड़ा समय लगेगा। फिलहाल यहां करीब 3 हजार सिलिंडर भरे जा रहे हैं। दरअसल, शुरुआती दौर में कुछ तकनीकी समस्याएं आ रही हैं, उन्हें भी साथ-साथ दूर किया जा रहा है।

प्लांट पर काम करने वाले कुछ कर्मचारी नए हैं। जैसे-जैसे पूरे सिस्टम को समझकर निपुण होते जाएंगे, प्लांट पूरी क्षमता से काम करने लगेगा।आसपास के छोटे जिले आक्सीजन के मामले में काफी हद तक इंदौर पर निर्भर हैं। इंदौर के सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र और बाणगंगा क्षेत्र के आक्सीजन प्लांटों से भी बाहरी जिलों के अस्पतालों को आक्सीजन भेजी जाती है। अब पीथमपुर में मित्तल सहित अन्य दो प्लांट हो जाने से इंदौर का बोझ कुछ कम होगा।