बिना आधार कार्ड, डॉक्टर प्रिसक्रिप्शन के नहीं मिलेगी रेमडेसीविर ।
इंदौर में बढ़ते कोरोना संक्रमण के साथ ही मरीजों के फेफड़ों में इन्फेक्शन के मामले भी बढ़े हैं ।जिसमें रेमडेसीविर के इंजेक्शन कोरोना के शरीर में फैलते इन्फेक्शन को रोकने में अब तक सबसे कारगर साबित हुए हैं। इसी लिहाज से इंदौर में एक बार फिर रेमडेसीविर इंजेक्शन की कालाबाजारी की जिला प्रशासन को शिकायतें मिल रही थी । जिस पर इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए रेमडेसीविर की कालाबाजारी को रोकने के लिए कुछ सख्त कदम उठाए हैं।

कलेक्टर ने उठाए यह कदम
इसके तहत अब बिना आधार कार्ड और डॉक्टर के प्रिसक्रिप्शन रेमडेसीविर के इंजेक्शन नहीं मिल पाएंगे ।इंजेक्शन लेने वालों को कोविड-19 रिपोर्ट भी दिखाना आवश्यक होगा। जिला प्रशासन के इन आदेशों की अवहेलना करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी । इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने साफ किया है कि आम लोगों को रेमडेसीविर इंजेक्शन समय पर और उचित मूल्य पर उपलब्ध हो इसका प्रयास किया जा रहा है।
औधोगिक ईकाई में होने वाली लिक्विड ऑक्सीजन की सप्लाई पर रोक।
उधर उद्योगी की इकाइयों में होने वाली लिक्विड ऑक्सीजन की सप्लाई पर भी इंदौर जिला प्रशासन ने फिलहाल रोक लगा दी है। इस मामले में कलेक्टर मनीष सिंह ने आदेश भी जारी किए हैं ।साथ ही इंदौर जिला प्रशासन द्वारा धार कलेक्टर से भी चर्चा किए जाने की बात सामने आई है। जिसमें इंदौर से सटे औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर की उद्योग इकाइयों को इस मारफत निर्देश जारी किए जा रहे हैं ।दरअसल इंदौर में संक्रमण के बढ़ने के साथ ही अस्पतालों में ऑक्सीजन की सप्लाई भी बड़ी है।