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शराब दुकान पर लगी भीड़ कलेक्टर सख्त सर्कल अधिकारी को किया निलंबित, आबकारी विभाग से पूछा कारण !

इंदौर : लॉक डाउन की पोल खोलती इंदौर के राऊ स्थित शराब दुकान की तस्वीर, जहां बेतरतीब देखने के बाद कलेक्टर ने सख्त रुख अख्तियार किया। कलेक्टर मनीष सिंह ने तत्काल दुकान को सील करवाने के आदेश दिए। साथ ही सर्कल के सब इंस्पेक्टर आशीष जैन को निलंबित किया है। एडओ राजीव उपाध्याय को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसके अलावा सभी आबकारी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि कोविड गाइड लाइन के विरुद्ध कोई भी दुकान संचालित करेगा तो गंभीर एक्शन लिया जाएगा। लापरवाही लापरवाही के चलते शराब ठेकेदार को अगले 24 घंटे तक दुकान भी बंद रखने के लिए निर्देश दिए हैं।

लॉकडाउन के बावजूद क्यों खोली दुकान

रविवार को पूरे शहर में लॉक डाउन होने के बाद भी ग्रामीण परिसीमा में आने वाली राऊ स्थित शराब दुकान पर शाम होते ही भारी संख्या में भीड़ उमड़ी थी। यहां आबकारी अधिकारियों की अनदेखी के चलते न तो सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान दुकान संचालक ने रखा ना ही मास्क व सैनिटाइजिंग का पालन किया गया। बेखौफ शहरी लोग यहां खरीदी के लिए पहुंचे। इसके अलावा मांगलिया वाइन शॉप पर भी ऐसा ही माहौल था। इन शराब दुकानों पर उमड़ी भीड़ में कौन संक्रमित है या नहीं है इसका भी अंदाजा लगाना मुश्किल था, लेकिन इस भीड़ से शहर में कोरोना संक्रमण बढ़ने के आसार साफ नजर आ रहे हैं। हालांकि मीडिया और सोशल मीडिया में शराब दुकानों की भीड़ को लेकर जब खबरें प्रसारित होने लगी तो अफसर जागे और भीड़ को तितर बितर किया। लेकिन अफसरों की पूर्व की सुस्ती शहर को बड़े संक्रमण के दौर में ला सकती है।

समय रहते नहीं समझे तो और बिगड़ सकते हैं हालात

कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि इंदौर में चिंताजनक स्थिति है, इसलिए मास्क को लेकर जीरो टालरेंस रहेगा। विवाद करने वालों पर एफआईआर होगी। बेवजह घर से नहीं निकलें, मास्क पहनें और वैक्सीनेशन जरूर कराएंगे। मौजूदा हालात पर दाे-तीन दिन और नजर रखी जाएगी। जरूरत पड़ी ताे और सख्ती करेंगे। लोगों ने नियमों का पालन किया तो मई में हम सारी स्थिति से उबर जाएंगे।

अस्पतालों में मरीजों की बढ़ती संख्या लेकर हालात चिंताजनक

इंदौर में रोजाना कोरोना मरीज 780 के पार पहुंच रहे कोरोना संक्रमण के मामलों ने निजी और सरकारी दोनों अस्पतालों चिंता बढ़ा दी है। दरअसल इसी मापदंड से अगर रोजाना मरीज बढ़ते रहे तो वह दिन दूर नहीं जब अस्पतालों में मरीजों को रखने को लेकर बात खूनी संघर्ष तक पहुंच सकती है। ऐसी स्थिति में संक्रमण को रोकने के लिए बिना किसी भ्रम के वैक्सीन को लगवाए और मास्क सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजिंग जैसी गाइडलाइन का शत-प्रतिशत पालन करें । वर्तमान में इंदौर के निजी और सरकारी अस्पतालों में 80 फ़ीसदी से ज्यादा बिस्तर भर चुके हैं जो किसी विस्फोटक स्थिति से कम नहीं।

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