मध्यप्रदेश के सिहोर जिले के कुबेरेश्वर धाम में मंगलवार
को भीड़ के दबाव के कारण भगदड़ मच गई,
जिसमें दो महिलाये लगभग 50 वर्ष की दबकर मौत हो गई। प्रशासन द्वारा मृतकों की पहचान के प्रयास जारी हैं।
सावन मास में पं. प्रदीप मिश्रा की कांवड़ यात्रा से एक दिन पहले कुबेरेश्वर धाम में आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा।
क्या है पूरा मामला ?
कुबरेश्वर धाम में बुधवार को विशाल कावड़ यात्रा निकाली जानी है, जिसका आयोजन पंडित प्रदीप मिश्रा करवा रहे हैं. इसी यात्रा में शामिल होने के लिए लाखों की संख्या में लोग मंगलवार को वहां पहुंचने लगे. भीड़ इतनी ज्यादा बढ़ गई कि धक्का-मुक्की के बीच दो महिलाएं नीचे गिर गईं और लोगों के पैरों तले दबकर उनकी मौत हो गई.

मंगलवार को रुद्राक्ष वितरण के दौरान यकायक अफरा-तफरी मच गई, जिसमें दो महिलाओं की दबकर मौत हो गई जबकि करीब 10 से ज्यादा श्रद्धालु घायल हो गए। घायलों में दो की हालत गंभीर बताई जा रही है।
रुद्राक्ष वितरण के दौरान अचानक व्यवस्था बिगड़ने से भीड़ बेकाबू हो गई।

पुलिस और प्रशासन की तमाम तैयारियों के बावजूद श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को नियंत्रित नहीं किया जा सका।
घायलों को जिला अस्पताल लाया गया था जहां डॉक्टरों ने दो महिलाओं को मृत घोषित कर दिया।
हालांकि उनकी पहचान अब तक नहीं हो सकी है। बताया जा रहा है कि देशभर के अनेक शहरों से
लाखों की संख्या में श्रद्धालु सीहोर पहुंच रहे हैं। शहर की सभी धर्मशालाएं, होटल और लॉज पहले ही फुल हो चुके थे।
भारी भीड़ के कारण धाम पर ठहरने, भंडारे और दर्शन की व्यवस्थाएं पूरी तरह चरमरा गईं।
वहीं सीहोर विधायक सुदेश राय जी ने इस मामले पर बताया कि इस मामले की जांच शुरू हो गई है. हम पता लगा रहे हैं ये हादसा कैसे हुआ. वहीं मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी सभी अधिकारियों को राहत बचाव के लिए निर्देश दिए हैं.
पहले भी मची है भगदड़
बता दें कि कुबेरेश्वर धाम में इस तरह का मामला पहला नहीं है. इससे पहले 16 फरवरी साल 2023 में रुद्राक्ष वितरण के दौरान ऐसे ही भगदड़ मची गई थी. उस भगदड़ में भी एक महिला की मौत हो गई थी. जबकि 4 लोग लापता हुए थे.
इतना ही नहीं इस घटना के दूसरे दिन ही यानी 17 फरवरी को एक 3 साल के बच्चे की मौत हो गई थी. बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्रशासन को रुद्राक्ष महोत्सव रोकना पड़ा था.