कोरोना महामारी में जहां एक और इंदौर में जीवन रक्षक इंजेक्शन का टोटा पड़ा है। वही ऑक्सीजन की हालात भी किसी से छुपी नहीं है। टोसी जैसे इंजेक्शन की भी प्रदेश भर में किल्लत है। ऐसे में प्लाज्मा डोनेशन कोरोना वायरस में संक्रमण से लड़ने के लिए एक अहम हथियार माना जाता है। हालांकि प्लाज्मा डोनेशन और प्लाज्मा के लिए निजी अस्पतालों द्वारा वसूली जा रही मोटी रकम को लेकर अब प्रशासन भी चिंतित नजर आ रहा है ।
इस मामले में ब्लड कॉल सेंटर चलाने वाले अशोक ने भी इसे मुद्दा बनाया है। अशोक नायक प्लाज्मा डोनेशन को लेकर नायक के तौर पर उभरे हैं। Pro नहीं करो ना कॉल में सैकड़ों मरीजों को प्लाज्मा डोनेशन करवा कर उनकी जिंदगी में बचाई हैं। हालांकि डोनेशन के बाद भी प्लाज्मा निकालने के लिए निजी अस्पतालों द्वारा वसूली जा रही मोटी रकम का अशोक शुरुआती दौर से विरोध करते आए हैं ,लेकिन अब इसको लेकर उन्होंने एक मुहिम छेड़ा है , ताकि इसकी दरें नियंत्रित हो। उन्होंने इस मामले में भाजपा राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय,सांसद शंकर लालवानी, मंत्री उषा ठाकुर सहित प्रशासन स्तर तक अपनी बात पहुंचाई है।

अशोक ने अपने सुझाव में प्रशासन से कहा है कि प्लाजमा डोनर को प्लाज्मा डोनेट करने के लिए कोविड अस्पताल से अलग सुरक्षित जगह मुहैया कराई जाए। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग प्लाज्मा डोनेट करने के लिए आगे आ सकें । वही प्लाज्मा की दरें भी न्यूनतम हो। ताकि इस महामारी में मरीजों के परिजनों पर अतिरिक्त भार ना हो, जिसे प्लाज्मा डोनेट करने वाले का मकसद भी सार्थक हो सके। हालांकि इस बात पर मंत्री उषा ठाकुर ने अशोक नायक को विश्वास दिलाया है कि जल्द ही सरकार प्लाज्मा डोनेशन दरों को निर्धारित कर आम लोगों को इसका फायदा पहुंचाएगी।