मै ( उमेश शर्मा) इसलिये लाँकडाऊन के पक्ष में हूं।
नाम पीयूष पिता राकेश गौड उम्र 35 साल-
विवाह ढाई वर्ष पूर्व-
चित्र में एक साल का बेटा जनक गौड- रिश्ता मेरा सगा भांजा-
मृत्यु आज दि. 10 अप्रैल-
मृत्यु का कारण कोरोना-
अंतिम संस्कार-आज दोपहर चितावद मुक्तिधाम इंदौर।
शहर के हालात विकट है। कोरोना भयावहता के साथ गतिशील है। लाँकडाऊन नहीं किया जाता तो ऐसी मौतों का सिलसिला थमेगा नहीं। डाँक्टर के तमाम प्रयास के बावजूद पीयूष को नहीं बचा सके।
कोरोना से आर्थिक संकट बढेगा, व्यापार चौपट होगा, गरीब परेशान होगा, सभी बातों से सहमत हूं पर कोरोना की इस चैन को रोकना जरूरी है। प्राकृतिक आपदा है। जिम्मेदारों को जो करना है वो कर रहे हैं,करेंगे ही,करना ही चाहिये। आलोचना, ताने,उलाहाने,नसीहतें शिरोधार्य पर इस समय शहर को संभालिऐ। सहयोग करिऐ।
मै कल से पीयूष की इस असमय अस्वाभाविक मौत का बदला लेने सडक पर उतरूंगा। सैनेटाईजर करने निकलूंगा। कोरोना पीडित मरीजों के बाहर से आऐ मरीजों के परिजनों के रहने खाने की चिंता करूंगा। जिन मरीजों का परिजनों सें अस्पताल में भर्ती होने के कारण संवाद नहीं हो पा रहा है,संवाद स्थापित करवाऊंगा। रेमेडिसीवर की व्यवस्था के लिऐ अपने स्तर पर केंद्र और राज्य स्तर पर भरपूर सार्थक प्रयास करूंगा।

मेरा गुस्सा व्यवस्था से नहीं कोरोना से है सीमित साधन ही सहित, असीमित साहस के साथ कल से पूरी लाँकडाऊन अवधि में एक बार फिर घर छोडकर मैदान संभालूंगा।