इंदौर । मालवा और निमाड़ के करीब 10 हजार गंभीर मरीजों की सांंसें इंदौर की व्यवस्था पर निर्भर होकर रह गई हैं। इनमें इंदौर और उज्जैन संभाग के 15 जिलों के मरीज शामिल हैं। आक्सीजन हो या रेमडेसिविर इंजेक्शन या फिर अस्पतालों में बेड की जरूरत, सभी के लिए इंदौर केंद्रबिंदु बना हुआ है।

इसीलिए इंदौर इस समय दोहरे बोझ से लदा हुआ है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक दो संभागों के 15 जिलों के 159 अस्पतालों में 9 हजार से अधिक मरीज भर्ती हैं, जबकि अनुमान है कि करीब 2000 मरीज ऐसे हैं जिनको अस्पताल की जरूरत है, लेकिन जगह नहीं मिल पा रही है। जिनको अस्पताल में जगह मिली हुई है उनके लिए भी आक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन का बड़ा संकट है।