तीन चरणों में देश के चार राज्यों में होगा परीक्षण, इस वैक्सीन से बच्चों के लिए बचाव उपलब्ध होने की उम्मीद जगी
कंपनी के अनुसार देश के चार राज्यों में इस वैक्सीन पर परीक्षण किया जाएगा। इनमें महाराष्ट्र, बिहार, तमिलनाडु और तेलंगाना शामिल हैं
कोरोना से बचाव के लिए अलग-अलग प्रकार की वैक्सीन आने की संभावनाएं बढ़ती जा रही हैं। इसी क्रम में नाक से दी जाने वाली वैक्सीन भी जल्द उपलब्ध हो सकती है।
हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक कंपनी की नाक से दिए जाने वाले टीके के पहले चरण के परीक्षण की मंजूरी ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की विशेषज्ञ समिति ने दे दी है।
अभी पहले चरण के तहत यह परीक्षण होगा। इसके परिणाम समिति को मिलने और समीक्षा के बाद ही अगले चरण के परीक्षण की अनुमति दी जा सकेगी। कंपनी के अनुसार देश के चार राज्यों में इस वैक्सीन पर परीक्षण किया जाएगा। इनमें महाराष्ट्र, बिहार, तमिलनाडु और तेलंगाना शामिल हैं।
अभी तक दिल्ली एम्स में यह परीक्षण होने वाला था, लेकिन कंपनी की ओर से क्लीनिकल रजिस्ट्री ऑफ इंडिया में दर्ज आवेदन के अनुसार दिल्ली एम्स में यह परीक्षण नहीं किया जाएगा।
18 से लेकर 60 वर्ष की आयु के 175 लोगों को परीक्षण में शामिल किया जाएगा। इसके बाद तीन अलग अलग समूह बनेंगे। दो समूह में 70-70 और तीसरे में 35 लोगों को रखा जाएगा।
पहले समूह में शामिल लोगों को एकल डोज दिया जाएगा। दूसरे समूह के लोगों को प्लेसबो भी दिया जाएगा। जबकि तीसरे समूह को प्लेसबो ही दिया जाएगा।
इन तीनों समूह के परिणामों की आपसी तुलना भी की जाएगी। विशेषज्ञों की मानें तो नाक से दी जाने वाली वैक्सीन आने के बाद बच्चों को काफी लाभ मिलेगा।
अभी तक बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए कोई वैक्सीन नहीं है लेकिन विशेषज्ञ समिति ने इस परीक्षण में 18 साल से कम आयु वालों को शामिल नहीं किए जाने की सिफारिश की।
एक साथ दो चरणों को हरी झंडी नहीं…समिति के एक सदस्य ने बताया कि पिछले माह भारत बायोटेक ने आवेदन दिया था। कंपनी एकसाथ दो चरण का परीक्षण शुरू करना चाहती थी,
लेकिन आवेदन पर विचार नहीं किया था। इसके बाद दोबारा आवेदन मिला जिस पर पहले चरण के परीक्षण से जुड़ी सभी जानकारियां थीं।
कंपनी के अनुसार इसी माह यह परीक्षण शुरू हो रहा है। तीन माह तक फॉलोअप के बाद नाक से दी जाने वाली वैक्सीन पर आगे की जानकारी मिल सकेगी।