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भस्मासुरी गर्मी लेगी शंकर की परीक्षा।

व्यक्तिगत छवि और राम मंदिर जैसे मुद्दों क्या शंकर की नैया पार लगा पाएंगे ?

आदित्य सिंह सोलंकी

इंदौर ।भस्मासुरी गर्मी अब भाजपा प्रत्याशी शंकर लालवानी की परीक्षा लेने को तैयार है ।कल होने वाले मतदान में क्या शंकर की व्यक्तिगत छवि तपती धूप में मतदाताओं के पैरों को पोलिंग बूथ तक खींच लेगी या फिर राम मंदिर का मुद्दा और नरेंद्र मोदी की गारंटी इंदौर के वोटिंग परसेंटेज को कायम रखने में कामयाब होगी । या फिर मतदाता अपने स्वाभिमान को ठेस पहुंचाकर चोटिल करने वाले चुनावी जुगाड़ बाजों को सबक सिखाएगी। यह वह सवाल है ।जिनको लेकर राजनीतिक पार्टियों में मंथन चल रहा है ।

इंदौर एक ऐसी लोकसभा सीट है जहां 89 के बाद से करीब चार दशकों से बीजेपी एक बड़े मार्जिन से जीत हासिल करती नजर आ रही है ।एक बार फिर यह इतिहास दोहराने की संभावना थी। लेकिन राजनीतिक जुगाड़ बाजों ने यह तस्वीर ही बदल दी। कांग्रेस प्रत्याशी के मैदान छोड़कर भागने के बाद बीजेपी की जीत तो तय मानी जा रही है। अब सवाल बीजेपी वर्सेस नोटा को लेकर खड़े हो गए हैं। जहां पर वोटिंग परसेंटेज को कायम रखने के लिए उम्मीदवार की व्यक्तिगत छवि तथा मोदी की गारंटी ही ऐसी वजह साबित हो सकती है जो मतदाता को पोलिंग बूथ तक खींच लाए ? हालांकि तेज धूप और बाजार की चर्चाओं से संभावना जताई जा रही है की जीत एक तरफा होने से मतदाता पोलिंग बूथ जाने से कतरा रहा है।

कांग्रेस प्रत्याशी मैदान से ना भागते तो यह हो सकते थे जीत के मायने ?

दरअसल कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम अगर एन वक्त पर कांग्रेस को पीठ नहीं दिखाई होती और चुनाव में मुकाबला करते तो शायद आज तस्वीर कुछ और होती। इंदौर एक बार फिर मतदान में रिकॉर्ड मतों से अपनी भागीदारी दर्ज करता हालांकि अब कांग्रेस प्रत्याशी के ना होने से लोगों को यह यकीन हो चला है कि बीजेपी की जीत सुनिश्चित है। ऐसे में आम आदमी तपती धूप में पोलिंग बूथ पर जाने से कतरा रहा है । बाजार में चर्चाएं गर्म है और नोटा को एक बड़ा विकल्प मतदाता के सामने है ।जो उसके स्वाभिमान को ठेस पहुंचाने वालों को सबक सिखाने के लिए तैयार है।

यह हो सकते हैं समीकरण ।

दरअसल तेज गर्मी के चलते अधिकतर मतदाता सुबह जल्द अपने मतदान का प्रयोग कर सकते हैं तथा शाम 4:00 बजे के बाद मतदान केंद्रों पर पहुंच सकते हैं। दोपहर 11 से 4 तक मतदान केंद्रों पर मतदान प्रतिशत धीमा होने की संभावनाजताई जा रही है।

जिला प्रशासन कर रहा है पुरजोर प्रयास।

दरअसल राजनीतिक जानकारों की माने भाजपा के कुछ नेताओं ने एक तीर से कई निशाने सादे ।जहां भाजपा प्रत्याशी को रिकॉर्ड जीतो के मार्जिन से दूर कर दिया तो वहीं मतदान के प्रतिशत को लेकर जिला प्रशासन के सामने भी सवाल खड़े कर दिए ।अब ऐसे में जिला प्रशासन भी मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के पुरजोर प्रयास कर रहा है। जिसके लिए कई आइडियल मतदान केंद्रों पर छाछ ,शुद्ध जल , चाय,बिस्किट एवं अन्य सामग्री का इंतजाम किया है ।ग्राम पंचायत को तो बाकायदा लकी ड्रा के माध्यम से मतदान के लिए प्रभावित भी किया जा रहा है।

यह था पिछली बार बीजेपी के जीत का आंकड़ा।

दरअसल वर्ष 2019 के आम चुनाव में इंदौर से भाजपा प्रत्‍याशी शंकर लालवानी 5 लाख 47 हजार वोटों से जीत दर्ज की थी। लेकिन इस बार भस्मासुरी गर्मी शंकर लालवानी की व्यक्तिगत छवि पर सीधे दाव लगा रही है। माना जा रहा है कि उम्मीदवार में इतना दम होना पर ही मतदाता तेज धूप की परवाह किए बगैर मतदान केंद्र तक आ सकता है । या फिर उसके स्वाभिमान को चोटिल करने वालों को सबक सिखाने के लिए मतदान केदो तक पहुंच सकता है। जो भी हो इंदौर में भाजपा प्रत्याशी के सामने नोटा का मुकाबला बेहद दिलचस्प साबित होने की संभावना है जताई जा रही है।

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